04 मई 2011

दिव्या गुप्ता जैन की काव्य रचना

हर मील के पत्थर पे इबारत ये लिखा दो ,
नापाक इरादों को कभी मंजिल नहीं मिलती

खुदा के नाम पर कत्ले आम करने वालों को,
जन्नत तो क्या, दो गज जमीन भी नहीं मिलती,

ताउम्र वो करते रहे अपनी कौम को बदनाम,
फिर अपनी कौम से ही उनको मोहब्बत नहीं मिलती,

इस भ्रम वो जीते रहे की हो रहे है दे रहे बलिदान,
कत्ले-आम किसी भी धर्म की सीरत नहीं होती!!!!!

-दिव्या गुप्ता जैन (4th May, 2011)

2 टिप्‍पणियां:

mridula pradhan ने कहा…

हर मील के पत्थर पे इबारत ये लिखा दो ,
नापाक इरादों को कभी मंजिल नहीं मिलती
prernadenewali pangtiyan.

शिखा कौशिक ने कहा…

Divya ji bahut khoob kaha hai-
ताउम्र वो करते रहे अपनी कौम को बदनाम,
फिर अपनी कौम से ही उनको मोहब्बत नहीं मिलती
badhai .