ग़ज़ल
नारी तेरी शालीनता को नमन करता हूँ!!
पुरुषों की सारी आदतें तू सहन करती है
धरणी सी सहनशीलता को नमन करता हूँ!!
पीकर हलाहल भी कभी इज़हार ना करती
लज्जा तेरी गंभीरता को नमन करता हूँ !!
राधा तू ही मीरा तू ही लैला भी हीर हो
श्रद्धा तेरी मैं श्रेष्ठता को नमन करता हूँ !!
गार्गी तू ही,कैकई तू ही, तू लक्षमीबाई हो
आस्था मैं तेरी वीरता को नमन करता हूँ!!
'इंडिया' कहूँ मैं सच;तेरा एहसान सब पे है
नारी तेरी महानता को नमन करता हूँ!!
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राम निवास'इंडिया'
राम निवास'इंडिया'
कवि शायर एवं गीतकार
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