20 मार्च 2011

बृजेन्द्र श्रीवास्तव "उत्कर्ष" की हास्य कविता -- काव्य मंच पर होली

काव्य मंच पर होली

======================

काव्य मंच पर चढ़ी जो होली, कवि सारे हुरियाय गये,

एक मात्र जो कवयित्री थी, उसे देख बौराय गये,

एक कवि जो टुन्न था थोडा, ज्यादा ही बौराया था,

जाने कहाँ से मुंह अपना, काला करवा के आया था,

रस श्रृंगार का कवि गोरी की, काली जुल्फों में झूल गया,

देख कवयित्री के गाल गोरे, वह अपनी कविता भूल गया,

हास्य रस का कवि, गोरी को खूब हसानो चाह रहो,

हँसी तो फसी के चक्कर में, उसे फसानो चाह रहो,

व्यंग्य रस के कवि कि नजरे, शुरू से ही कुछ तिरछी थी,

गोरी के कारे - कजरारे, नैनों में ही उलझी थी,

करुण रस के कवि ने भी, घडियाली अश्रु बहाए,

टूटे दिल के टुकड़े, गोरी को खूब दिखाए,

वीर रस का कवि भी उस दिन, ज्यादा ही गरमाया था,

गोरी के सम्मुख वह भी, गला फाड़ चिल्लाया था,

रौद्र रूप को देख के उसके, सब श्रोता घबडाय गये,

छोड़ बीच में में सम्मलेन, आधे तो घर भाग गए ,

बहुत देर के बाद में, कवयित्री की बारी आई,

प्रणाम करते हुए, उसने कहा मेरे प्रिय कविभाई’,

सुन ‘भाई’ का संबोधन, कवियों की ठंडी हुई ठंडाई,

संयोजक के मन - सागर में भी, सुनामी सी आई,

कटता पत्ता देख के अपना, संयोजक भी गुस्साय गया,

सारे लिफाफे लेकर वो तो, अपने घर को धाय गया ||

=================================

बृजेन्द्र श्रीवास्तव "उत्कर्ष"
206, टाइप-2,
आई.आई.टी.,कानपुर-208016, भारत

8 टिप्‍पणियां:

डॉ० डंडा लखनवी ने कहा…

प्रशंसनीय.........लेखन के लिए बधाई।
==========================
देश को नेता लोग करते हैं प्यार बहुत?
अथवा वे वाक़ई, हैं रंगे सियार बहुत?
===========================
होली मुबारक़ हो। सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी

Shalini kaushik ने कहा…

प्रशंसनीय
happy holi.

vandana gupta ने कहा…

आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (21-3-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।

http://charchamanch.blogspot.com/

Shikha Kaushik ने कहा…

majedar prastuti .
आप को रंगों के पर्व होली की बहुत बहुत शुभकामनायें ..
रंगों का ये उत्सव आप के जीवन में अपार खुशियों के रंग भर दे..

Khare A ने कहा…

maja aa ya padhkar aapki ye rachna

badhai,happy holi

Dorothy ने कहा…

रोचक प्रस्तुति के लिए आभार.
सादर,
डोरोथी.

M VERMA ने कहा…

मजेदार रचना

Unknown ने कहा…

कहीं आप भी तो उस कवि सम्मेलन में सामिल नहीं थे ...... अच्छी कविता ...आभार