01 जुलाई 2011

शब्दकार ब्लॉग बंद कर दिया गया है --- जानकारी

पिछले कुछ माह की शब्दकार की गतिविधियों के बाद और अभी तक के अपने प्रयास के बाद ऐसा लगने लगा था कि जैसा सोचकर इस ब्लॉग की शुरूआत की गई थी हम उस उद्देश्य में सफल नहीं हो सके। 1 मार्च 2009 से प्रारम्भ हुए इस ब्लॉग में शुरूआती दिनों में लेखकों की रचनाओं को ब्लॉग संचालक द्वारा प्रकाशित किया जाता था। बाद में लेखकों की सक्रियता बढ़ाने के उद्देश्य से इस ब्लॉग को सामुदायिक ब्लॉग के रूप में संचालित करना शुरू कर दिया।


बहुत कुछ सहयोग मिलने के बाद भी लगातार कुछ न कुछ खालीपन सा, अधूरा सा महसूस होता रहा। इधर यह भी एहसास हो रहा था कि जिस सोच के साथ ब्लॉग शुरू किया है जब वह ही पूरा नहीं हो पा रहा है तो ब्लॉग संचालन की आवश्यकता ही नहीं रह जाती है। वैसे भी शब्दकार के सदस्य अपने-अपने ब्लॉग पर पूरी सक्रियता से उपस्थित हैं, ऐसे में शब्दकार के द्वारा कोई विशेष अथवा अभिनव कार्य नहीं किया जा रहा है।

कई दिनों की अपनी पशोपेश की स्थिति के बाद लगा कि शब्दकार को बन्द कर देना चाहिए। हालांकि अभी इसको अस्थायी रूप से बन्द किया जा रहा है, यदि भविष्य में किसी तरह का कुछ अलग सा करने का मन बना या कोई रास्ता दिखा तो इसे पुनः शुरू किया जायेगा।

एक बात शब्दकार के अपने साथियों से, जिन्होंने पूरी तन्मयता के साथ अपनी रचनाओं को प्रकाशित कर शब्दकार को महत्वपूर्ण बनाया, कि उनके लेखकीय अधिकारों को रोका सा गया है। हमारी मंशा है कि अब शब्दकार पर किसी तरह की पोस्ट का प्रकाशन न हो, इस कारण से सदस्यों की सदस्यता को शब्दकार से समाप्त करना हमारी मजबूरी रही। अभी हमें ब्लॉग का तकनीकी ज्ञान नहीं है, इस कारण ऐसा कदम उठाना पड़ा। आशा है आप लोग अन्यथा नहीं लेंगे।

एक बात अपने इंटरनेट के सभी साथियों से कि आज 1 जुलाई 2011 से शब्दकार पर किसी भी तरह की रचनाओं का प्रकाशन नहीं किया जायेगा। कृपया किसी भी रूप में रचनाओं को प्रकाशन हेतु न भेजें और न ही शब्दकार की सदस्यता के लिए अनुरोध करें। शब्दकार के सदस्यों की सदस्यता को भी इसी कारण से बाधित किया गया है कि वे भी अपनी रचनाओं का प्रकाशन शब्दकार पर न कर सकें।

शब्दकार अपनी 2 वर्ष 4 माह की इंटरनेट आयु बिताने के बाद अपनी 421 पोस्ट-इस पोस्ट के अतिरिक्त- के साथ अस्थायी रूप से बन्द हो रहा है। जिन लेखकों का, शब्दकार सदस्यों का, पाठकों का, टिप्पणीकारों का, आलोचकों का, शुभेच्छुओं का सहयोग शब्दकार को मिला उसका शब्दकार संचालक की ओर से आभार। आगे भी, यदि कोई अभिनव कार्य प्रारम्भ होता है तो, आप सभी का सहयोग पूर्व भी भांति प्राप्त होता रहेगा, ऐसी आशा की जा सकती है।

आभार सहित, धन्यवाद सहित, भरे मन से आपका
शब्दकार संचालक
डॉ0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर

1 टिप्पणी:

SANDEEP PANWAR ने कहा…

ऐसी भी क्या मजबूरी थी?