बापू !!हमारी भैंस बगल वाले का खेत चर आई,बोल क्या करना है ?
अबे करना क्या है,डंडा लेकर बगल वाले पर पिल जा,मार डंडा उसके चूतड पर !!
बापू !!तुम्हारे पोते ने सामने वाले की खिड़की का शीशा फोड़ दिया है,क्या करें ?
अबे सामने वाले को बोल शीशा हटाए और टीन लगाए,रोज के झंझंट से निजात पाए !!
और तुम्हारी बहु,ओ बापू,पड़ोस की औरत का माथा फोड़ आई है,बाहर देख उसकी सास आई है !
अबे साले,तेरी माँ को बोल,उस बुढ़िया की भी मूंडी फोड़ दे,जा उसके बाप के हाथ-पैर तोड़ दे !!
बापू !!तेरे बड़े दामाद ने परले तरफ की विधवा का मकान हड़प कर लिया है,वो बाहर रोती है !
अबे उससे कह,काहे बेकार में पल्लू भिगोती है,अबे उसका है ही कौन,चिता में ले जायेगी क्या मकान ??
बापू !!मंझले भाई ने सोसाईटी का पूरा फंड गबन कर लिया है,अब सोसाईटी हल्ला मचा रही है
अबे सोसाईटी का फंड सोसाईटी का ही है ना,वो मंझले का भी तो हुआ,कह दे समय पर वापस कर देंगे !!
और तेरे छोटके ने तो बापू,पूरे खेलों का पैसा ही हजम कर लिया है,मिडिया में सब छाप रहा है रोज !
अबे चिंता मत कर,दो दिन मिडिया को मिल जाएगी खबर दूसरी,अभी तू ले-देकर मैनेज कर ले उसे !!
बापू छोटे चचा चुनाव में खड़े हो रहें हैं,और उनका रिकार्ड तो मवालियों से भी गया बीता है,कैसे जीतेगा ?
अबे ऐसे लोगों से ही मिडिया डरता है,बाकी का काम तो पैसा ही करता है,जा मिडिया वालों को बुला ला !!
बापू !!तेरा राजा बेटा जो सरकार में मंत्री है,उसने मंत्रालय से हजारों करोड़ डकार लिए,अब जेल जाएगा ??
अबे जेल जाने से वो और बड़ा नेता बन जाएगा,अगली बार वो सीधा मुख्यमंत्री बन कर आयेगा....!!
बापू तेरा साढू,शहर की जमीन जगह-जगह हथिया रहा है,विपक्षी लोग इस मामले को हथियार बना रहा है !
अबे चार विपक्षियों को जमीन दे देगें भीख में,सब चारों खाने चित्त....अबे यहाँ सब लोग लंगटे-भूखे-छिछोरे हैं !!
बापू तेरी एक बहु विपक्षियों के साथ जा मिली है,जिसके पति का पिछले साल देहांत हुआ था....
अबे तो देखता क्या है,जाकर साली चीरहरण कर दे,और बना डाल विपक्षियों के खिलाफ ही मामला....!!
बापू तेरे तो सारे खानदान ने इस देश में घोटाला-ही-घोटाला किया है,किस-किसका जवाब देते फिरे हम ??
अबे इसी तरह सवाल-जवाब करते हुए ही हम संसद तक चला रहे हैं,समय बिता रहे हैं,मौज मना रहें हैं !!
क्या बक रहे हो बापू तुम,दरअसल हम सब मिलकर इस देश को रसातल में ले जा रहें हैं,सबको बहला रहें हैं!!
अबे नहीं बे,परिस्थितियाँ जो जख्म लोगों को देती हैं,हम तो बस उस पर मरहम लगा रहें हैं,पीठ सहला रहें हैं !!
लेकिन बापू !!वो जख्म तो दरअसल तुम लोग हो दे रहे सबको,परिस्थितियों को क्यों दोष देते हो बेकार में ??
देख बे,बेकार में बहस मत कर,अरे बडका ज़रा हमरा तमंचा तो ला,बहुत जबान चलने लगी है ससुरे की...!!
बापू !हम तुम्हारे अपने खून हैं!तुम्हारे वीर्य से जनम लिए हैं,हमहीं को मार दोगे तुम,बापू हो की कसाई हो ??
ससुरा!!अपने बाप का बाप बनता है तुम,हमसे हिसाब माँगता है,जो ६३ सालों में कौनों हमसे नहीं माँगा !!
बापू!!अब समय बदल गया है और जनता गयी है जाग,सबके दिलों में अब सुलग रही आग,कर देगी तुमको राख
अरे ई का कह रहा है रे बेटवा,अरे मंझला,अरे बडका,अरे मेहमानवा अरे सबके-सब बाहर निकल के तो आवा
ई भीड़ काहे है भईया....हम कुच्छो नहीं किये हैं भईया...हमरा तो कौनों बैंकवो में खाता नहीं है,हम का खायेंगे !!
अरे हम तो आप ही सबके बीच के हैं भईया....हम का आप ही से धोखा करवाएंगे ??
सच में बबुआ.....हम कुच्छो नहीं किये हैं बबुआ...चाहो तो हमें कोर्ट ले चलो,
सब दूध-का-दूध हो जाएगा और पानी का पानी......!!
(भीड़ से समवेत स्वर उठता है,हथियारों से लैस लोग इस समूचे कुनबे को मार डालते हैं और उनका मकान-दूकान और अन्य सब कुछ तहस-नहस कर देते हैं.....!!)
4 टिप्पणियां:
कहानी का अंत बहुत अच्छा लगा।
बहुत सटीक और मस्त कहानी|
bahut achhi kahani
bahut badhiya prastuti.
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