01 मई 2010

डॉ0 महेन्द्रभटनागर की कविता --- मई दिवस : मानव समता का त्यौहार (मई दिवस पर विशेष प्रस्तुति)

मई दिवस मई पर विशेष
मई दिवस : मानव-समता का त्योहार
महेंद्रभटनागर

-------------------------------


जब तक जग के कोने-कोने में न थमेगा
सामाजिक घोर विषमता का बहता ज्वार,
हर श्रमजीवी तब तक
अविचल मुक्त मनाएगा ‘मई-दिवस’ का त्योहार !
मानव-समता का त्योहार !
.
वह मई-माह की पहली तारीख़ अठारह-सौ-छियासी सन् की,
जब अमरीका के शहरों में
मज़दूरों की टोली विद्रोही बनकर निकली !
देख जिसे
थर-थर काँपी थी पूँजीवादी सरकार,
पशु बनकर मज़दूरों पर जिसने किये दमन-प्रहार !
पर, बन्द न की जनता ने अपने अधिकारों की आवाज़,
भर लेता था उर में
उठती स्वर-लहरों को आकाश !
.
वह बल था
जो धरती से जन्मा था,
वह बल था
जो संघर्षों की ज्वाला से जन्मा था,
वह बल था
जो पीड़ित इंसानों के प्राणों से जन्मा था !
.
फिर सोचो, क्या दब सकता था ?
पिस्तौल, मशीनगनों से क्या मिट सकता था ?
बढ़ता रहा निरन्तर
श्रमिकों का जत्था सीना ताने,
होठों पर थे जिसके
आज़ादी के, जीवन के प्रेरक गाने !
.
जिन गानों में
दुनिया के मूक ग़रीबों की
आहें और कराहें थीं,
जिन गानों में
दुनिया के अनगिनती मासूमों के
जीवन की चाहें थीं !
आहें और कराहें कब दबती है ?
जीवन की चाहें कब मिटती हैं ?
टकराया है मानव जोंकों से
और भविष्यत् में भी टकराएगा !
.
वह निश्चय ही
सद्भावों को वसुधा पर लाएगा !
वह निश्चय ही
दुनिया में समता, शान्ति, न्याय का
झंडा ऊँचा रक्खेगा !
मानव की गरिमा को जीवित रक्खेगा !

=======================================

Dr. Mahendra Bhatnagar
110, BalwantNagar, Gandhi Road,
GWALIOR — 474 002 [M.P.] INDIA
Ph. 0751-4092908

www.professormahendrabhatnagar.blogspot.com
www.kavitakosh.org/mbhatnagar.htm
www.blogbud.com/drmahendrabhatnagar
www.poetrypoem.com/mpb1
[French]
Click : Files
http://groups.google.com/group/poetryhindi

3 टिप्‍पणियां:

Divya Gupta Jain ने कहा…

I really appreciate this one as of now very few writers written on labours. Eralier there were some movies come like "Naya Daur", "Majdoor", "Kala Patthar" etc., but no any Director Producer is intrested to make movies on labours. Keep it up Sir. Best Wishes...... :)

Divya Gupta Jain ने कहा…

I really appreciate this one as of now very few writers written on labours. Eralier there were some movies come like "Naya Daur", "Majdoor", "Kala Patthar" etc., but no any Director Producer is intrested to make movies on labours. Keep it up Sir. Best Wishes...... :)

Divya Gupta Jain

बेनामी ने कहा…

I really appreciate this one as of now very few writers written on labours. Eralier there were some movies come like "Naya Daur", "Majdoor", "Kala Patthar" etc., but no any Director Producer is intrested to make movies on labours. Keep it up Sir. Best Wishes...... :)

Divya Gupta Jain