14 फ़रवरी 2010

शब्दकार का पत्रकारिता स्वरूपी ब्लॉग शुरू === एक निगाह का इंतज़ार

नमस्कार साथियो,

विगत कई दिनों से आपसे सम्पर्क स्थापित नहीं कर सके, इसका खेद है। इसके बाद भी आप सभी साथियों की ओर से शब्दकार को नियमित रूप से सहयोग प्राप्त होता रहा है, इसके लिए आप सभी का आभार व्यक्त करना चाहते हैं।

इधर कुछ दिनों से देखने में आ रहा है कि शब्दकार को कुछ इस तरह की मेल मिल रहीं हैं जिनमें किसी संगोष्ठी की सूचना, किसी पुस्तक के विमोचन की खबर, किसी साहित्यकार से सम्बन्धित कोई जानकारी रहती है। इन जानकारियों को शब्दकार में प्रकाशित करने का निवेदन होता है।

चूँकि हमारी दृष्टि में इस तरह की जानकारियों को समाचारों की श्रेणी में रखा जा सकता है और शब्दकार को हम समाचार ब्लाग से अलग हट कर साहित्यिक-सांस्कृतिक ब्लाग के रूप में देखते हैं। शब्दकार से जुड़े सभी साथियों की ओर से भी यही दृष्टि अपनाते हुए इसी तरह की रचनाओं का प्रकशन समय-समय पर होता रहता है। यह उन सदस्यों की सहयोगात्मक प्रवृत्ति का द्योतक है।

पिछले कुछ दिनों से शब्दकार की एक सम्मानित सदस्य गार्गी गुप्ता जी के द्वारा कुछ जानकारी भरी पोस्ट प्रकाशित की जा रहीं हैं, जिन्हें कि हमको शब्दकार की प्रकृति की न होने के कारण बड़े ही भारी मन से हटाना पड़ता है। अपने शब्दकार साथी की मेहनत जाया न हो और जो मित्रगण हमें मेल द्वारा जानकारी भरी, समाचार रूप में जो मेल भेजते हैं उन्हें भी कष्ट न हो, किसी तरह की नाराजी न हो, यह सोचकर शब्दकार का पत्रकारिता भरा स्वरूप भी शुरू कर दिया है। पत्रकारिता से ओतप्रोत इस ब्लाग का नाम भी शब्दकारिता रख दिया है। इस ब्लॉग पर गार्गी गुप्ता जी द्वारा उन कुछ पोस्ट को लगा दिया है जो शब्दकार में प्रकाशित की गईं थीं(आप भी देख लीजिये)

गार्गी जी को मेल के द्वारा इस ब्लाग के बारे में सूचित कर दिया है और सदस्यता आमंत्रण भी भेज दिया है। इसके बाद भी उनके द्वारा शब्दकार पर लगातार जानकारी भरी पोस्ट का प्रकाशन किया जा रहा है। लगता है कि गार्गी जी ने अपना ई-मेल बदल दिया है और नया ई-मेल शब्दकार के पास नहीं है।

आप सभी से निवेदन है कि जो सम्मानित सदस्य गार्गी जी के सम्पर्क में हो वह कृपया उनका नया ई-मेल शब्दकार को प्रेषित करदे। जिससे उन्हें शब्दकारिता के बारे में पुनः जानकारी दी जा सके।

यदि गार्गी जी इस पोस्ट को पढ़ें तो वे स्वयं शब्दकार से सम्पर्क करें ताकि उनकी मेहनत जाया न जाये।

साथ ही आप सभी से निवेदन है और सलाह भी ली जा रही है कि लगातार गार्गी जी द्वारा शब्दकार पर ऐसी समाचार रूपी पोस्ट का प्रकाशन किया जाता रहा तो इसका उपाय क्या होगा? लगातार उन पोस्ट को हटाना हमें स्वयं ही खराब लगता है।

आशा है कि आप सभी हमेशा की तरह शब्दकार की मदद करेंगे।

धन्यवाद सहित

डा0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर
संचालक-शब्दकार

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