01 जून 2011

माँ को शीश नवाना है.


होगा जब भगवान् से मिलना हमें यही तब कहना है,

नमन तुम्हे करने से पहले माँ को शीश नवाना है.


माँ ने ही सिखलाया हमको प्रभु को हर पल याद करो,

मानव जीवन दिया है तुमको इसका धन्यवाद् करो.

माँ से ही जाना है हमने क्या क्या तुमसे कहना है,

नमन तुम्हे करने से पहले माँ को शीश नवाना है.


जीवन की कठिनाइयों को गर तुम्हे पार कर जाना है ,

प्रभु के आगे काम के पहले बाद में सर ये झुकाना है.

शिक्षा माँ की है ये हमको तुमको ही अपनाना है,

नमन तुम्हे करने से पहले माँ को शीश नवाना है.


माँ कहती है एक बार गर प्रभु के प्रिय बन जाओगे,

इस धरती पर चहुँ दिशा में बेटा नाम कमाओगे.

तुमसे मिलवाया है माँ ने इसीलिए ये कहना है,

नमन तुम्हे करने से पहले माँ को शीश नवाना है.

शालिनी कौशिक

1 टिप्पणी:

Shikha Kaushik ने कहा…

maa ki mahima ko abhivyakti karti aapki prastuti sarahniy hai .badhai .