प्रसिद्ध साहित्यकार डा0 महेन्द्र भटनागर के काव्य-संग्रह ‘‘राग-संवेदन’’ का प्रकाशन यहाँ नियमित रूप से किया जा रहा है। सभी कविताओं के प्रकाशन के पश्चात यह पुस्तक शब्दकार पर ई-पुस्तक के रूप में देखी जा सकेगी।
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लेखक - डा0 महेन्द्र भटनागर का जीवन परिचय यहाँ देखें
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(1) राग-संवेदन
सब भूल जाते हैं ...
केवल
याद रहते हैं
आत्मीयता से सिक्त
कुछ क्षण राग के,
संवेदना अनुभूत
रिश्तों की दहकती आग के!
आदमी के आदमी से
प्रीति के सम्बन्ध
जीती-भोगती सह-राह के
अनुबन्ध!
केवल याद आते हैं!
सदा।
जब-तब
बरस जाते
व्यथा-बोझिल
निशा के
जागते एकान्त क्षण में,
डूबते निस्संग भारी
क्लान्त मन में!
अश्रु बन
पावन!
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11 अप्रैल 2009
डा0 महेन्द्र भटनागर के काव्य-संग्रह राग-संवेदन की कविता - राग-संवेदन
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1 टिप्पणी:
बहुत ही संवेदनात्मक कविता.
प्रस्तुत करने के लिए आभार.
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