23 अप्रैल 2009

डा0 महेन्द्र भटनागर के काव्य-संग्रह राग-संवेदन की कविता - यथार्थ

प्रसिद्ध साहित्यकार डा0 महेन्द्र भटनागर के काव्य-संग्रह ‘‘राग-संवेदन’’ का प्रकाशन यहाँ नियमित रूप से किया जा रहा है। सभी कविताओं के प्रकाशन के पश्चात यह पुस्तक शब्दकार पर ई-पुस्तक के रूप में देखी जा सकेगी।

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लेखक - डा0 महेन्द्र भटनागर का जीवन परिचय यहाँ देखें
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(3) यथार्थ
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राह का
नहीं है अंत
चलते रहेंगे हम!
दूर तक फैला
अँधेरा
नहीं होगा ज़रा भी कम!
टिमटिमाते दीप-से
अहर्निश
जलते रहेंगे हम!
साँसें मिली हैं
मात्रा गिनती की
अचानक एक दिन
धड़कन हृदय की जायगी थम!
समझते-बूझते सब
मृत्यु को छलते रहेंगे हम!
हर चरण पर
मंज़िलें होती कहाँ हैं?
ज़िन्दगी में
कंकड़ों के ढेर हैं
मोती कहाँ हैं?
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डा. महेंद्रभटनागर,
सर्जना-भवन,
110 बलवन्तनगर, गांधी रोड,
ग्वालियर — 474002 [म. प्र.]
फ़ोन : 0751-4092908
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