09 दिसंबर 2010

तो फिर मत आईये ना राष्ट्रपति जी यहाँ......!!!

तो फिर मत आईये ना राष्ट्रपति जी यहाँ......!!!
             क्या आपको यह पता भी है ओ राष्ट्रपति जी कि आप जहां आने वाले हो ,वहां आपके आने की ख़ुशी में हज़ारों पेड़ सड़क से काट डाले गए हैं ?क्या पेड़ में आपके दुश्मन छुपे हुए होंगे ,जो आपका इंतज़ार कर रहे होंओं,कि कब आप आओ और वो आपका काम तमाम कर डालें ? 
            क्या आपको यह पता भी है ओ राष्ट्रपति जी कि आप जहां आने वाले हो ,वहां आपकी सुरक्षा के लिए जो एहतियात किये जा रहे हैं,जो रिहर्सल की जा रही है ,उससे स्कूल के बच्चों के बसें सड़क पर घंटे-घंटे भर के लिए ठहर जा रही हैं और उनमें बैठे बच्चे भूख से तड़प रहे हैं और उनके माँ-बाप बस-स्टोपेज पर हैरान-परेशान घूम रहें हैं ??
            क्या आपको यह पता भी है ओ राष्ट्रपति जी कि आप जहां आने वाले हो ,वहां का जन-जीवन आपकी सुरक्षा के लिए असामान्य बना दिया गया है ,वह तो तब है जबकि आप आये भी नहीं हो ,जिस दिन आप आओगे,उस दिन एयर-पोर्ट से राजभवन तक और फिर राजभवन से रांची-यूनिवर्सिटी तक चक्का-जाम जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाने वाली है....इसके अलावा आम लोगों पर पुलिस का जलवा तारी होगा सो अलग....!!
                 अगर आपके आने का यही मतलब है ओ राष्ट्रपति जी ,तो फिर मेरे शहर के बच्चे ,उनके अभिभावक,आम आदमी और खुद मेरी आपसे यह विनम्र अपील है कि आप ना ही आओ तो अच्छा है !!क्यूंकि राष्ट्र के नेता  राष्ट्र और उसकी जनता की हिफाजत के लिए होते हैं ,जिन्हें जनता ने अपनी सेवा के लिए और राष्ट्र को संप्रभु बनाए रखने के लिए तैनात किया होता है और अगर राष्ट्र के वे नेता अपने ही राष्ट्र में इतने ही असुरक्षित हैं तो फिर अपने महलों में ही महदूद क्यूँ ना रहें...क्यों बाहर निकल कर अपने लिए असुरक्षा और जनता के लिए सर-दर्द मोल लेते हैं....आमीन....!!