31 दिसंबर 2010

अरी ओ आधी दुनिया....!!

अरी ओ आधी दुनिया....
देख-देख देख ना आ गया इक और नया साल 
और तेरी भी खुशियों का नहीं है कोई पारावार 
यानी कि तुझे भी मनाना है नया साल...है ना....
तो सुन आज की रात होगा 
कई जगह तेरी अस्मत का व्यापार और कई जगह तो 
तेरी मर्ज़ी  के बिना तुझसे व्यभिचार......
धरती के सारे लोग सभी प्रकार के जीवों का असीमित मांस 
तो अपने  सीमित पेट में धकेलेंगे और साथ ही  
यही लोग तेरे गुदाज जिस्म की हरारत के संग 
अपनी असीम यौन-आकांक्षा के मारे हुए 
ना जाने कितने ही खेल खेलेंगे.....
बेशक कई जगह तो तू भी अपनी ही मर्ज़ी से 
इस फड़कते हुए खेल में शामिल रहेगी 
मगर ज्यादातर तो तू,तेरे साथ क्या हुआ 
ये किसी से कह भी ना सकेगी....
अरी ऐ री आधी दुनिया.....!!
क्या तूने कभी यह सोचा भी है कि 
हर कुछ सेकेंडों में तेरे साथ.... 
होता है किसी किस्म का कोई क्रोध, और 
किसी ना किसी किस्म का पारिवारिक वैमनस्य....
हर कुछ मिनटों में कहीं ना कहीं 
हो जाता है तेरे साथ रेप....
नन्ही-नन्ही बच्चियां भी इस कहर से बच नहीं पाती...!!
हर कुछ मिनटों में धरती में कहीं ना कहीं 
तुझमें से कोई कर लेती है आत्महत्या..... 
और तू सोचती है अ आधी दुनिया 
कि कंधे-से-कन्धा मिला रही है तू...!!
अगर इसे ही कंधे से कंधा मिलाना मिलाना कहते हैं 
तो फिर मुझे तुझसे कुछ नहीं कहना अ आधी दुनिया 
फिर भी तुझको इतना कहने से खुद को रोक नहीं सकता 
कि फिर अपने ऊपर हो रहे किसी भी तरह 
के अत्याचार पर चीत्कार मत कर 
तू सबके साथ कंधे से कंधा मिला और 
आज ही सबके साथ नया साल मना 
अपने जिस्म को बोटी-बोटी के रूप में 
तमाम लोगों के सामने परोस....
कहा तो जाता था कभी कि 
पुरुष के दिल पर कब्जा करने का रास्ता 
उसके पेट से होकर जाता है...
मगर अब जब तू खुद इस तरह शरीके-यार है 
सीधा ही मामला सेक्स तक पहुँच जाता है....
अगर तू तैयार है तब तो बहुत अच्छा....
अगर तैयार नहीं भी है तो कोई गम नहीं 
अपनी ताकत के दम पर पा लेगा वह तुझे 
चल-चल अ आधी दुनिया 
तू किसी बात की कोई फ़िक्र मत कर....
आज आधी रात के बाद से ही नया साल है...
तू सब चीज़ों के लिए तैयार हो जा....
और नया साल मना....
अ आधी दुनिया, इस अँधेरे भरे चकाचौंध में 
अपने लिए कोई कोना टटोल 
और उस कोने में नया साल मना 
हाँ तू बस....नया साल मना....!!!!

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